5 Simple Techniques For बबूल के फायदे और नुकसान
इसके गोंद के सेवन से पेट और आंतो में होने वाली पीड़ा दूर होती है।
बबूल गोंद के इस्तेमाल से पेट संबंधी विकारों से छुटकारा पाया जा सकता है। दही में बबूल गोंद को मिलाकर इसका सेवन करने से पेट संबंधी समस्याओं से जल्द राहत मिलती है। इस मिश्रण में फाइबर एवं बिफिदोबैक्टीरियम लैक्टिस के गुण पाए जाते हैं जो हमें कब्ज, अपच, एसिडिटी, पेट फूलने एवं पेट दर्द जैसी समस्याओं से बचा सकते हैं। इसके सेवन से हमें मल त्यागने में आसानी होती है।
व्रण, घाव : पत्तों से घाव धोना लाभकारी है। पत्तों का पाउडर घाव पर छिड़क कर लगाएं।
पीलिया से पीड़ित लोगों को मिश्री के साथ बबूल के फूल को पीसकर चूर्ण बनाकर सुबह शाम लेना चाहिए। इससे पीलिया रोग में काफी आराम मिल सकता है।
बबूल की टहनी से रोजाना दांत साफ करने से दांतों में होने वाली कई तरह की परेशानी से बचा जा सकता है। इसलिए तो लंबे टाइम से आज भी गांव में लोग बबूल के दातुन का इस्तेमाल करते आ रहे हैं।
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बबूल के गोंद, छाल और उसके फली को बराबर मात्रा में लेकर पीस लें और इसे कुछ दिनों तक रोजाना दिन में तीन बार लें। कमर के दर्द में इससे काफी आराम मिल सकता है।
बबूल के पत्ते के पेस्ट का उबटन लगाने से भी पसीना आना बंद हो जाता है।
फल
बबूल का अधिक मात्र read more में सेवन करने से बचे इसका अधिक सेवन शरीर के अंगों जैसे की लीवर व किडनी को ख़राब कर सकता है।
चिकित्सीय इस्तेमाल के लिए पेड़ के उपयोगी हिस्से: पत्तियां, छल, गोंद, और बीज।
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हिमालया गोक्षुरा: फायदे, नुक्सान ,खुराक और उपयोग
बबूल के गोंद को घी में तलकर, पाक करके सेवन से वीर्य बढ़ता है।